नारी तुम महान हो तुम ही घर की शान हो ! नारी तुम महान हो तुम ही घर की शान हो !
इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो। इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो।
पलभर मुझको ज़ीने दो तेरी यादो से मिलने दो तू न मिल पाई तो क्या । पलभर मुझको ज़ीने दो तेरी यादो से मिलने दो तू न मिल पाई तो क्या ।
चाँद बोला तारों से अब कहानी हुई खत्म कल फिर मिलेंगे नई कहानी के संग हम। चाँद बोला तारों से अब कहानी हुई खत्म कल फिर मिलेंगे नई कहानी के संग हम।
पता नहीं ! कोन सा कर्ज़ है और उसे कब तक चुकाना है। पता नहीं ! कोन सा कर्ज़ है और उसे कब तक चुकाना है।
क्यों देती तू हर किसी को अपनी पवित्रता की परीक्षा, हर एक नजर क्यों करता है तेरे आचरण की समीक्षा। क्यों देती तू हर किसी को अपनी पवित्रता की परीक्षा, हर एक नजर क्यों करता है ते...